केंद्र ने कहा कि उसने डिस्टिलरी और चीनी मिलों को थोक में ‘हैंड सैनिटाइजर’ बनाने की अनुमति दे दी है और इसके लिए 45 डिस्टिलरी को पहले ही लाइसेंस जारी किया जा चुका है। केंद्र ने कहा है कि हैंड सैनिटाइजर की मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए, राज्यों को हैंड सैनिटाइजर बनाने के लिए कच्चे माल की आपूर्ति में किसी भी अड़चन को दूर करने और डिस्टिलरीज सहित तमाम उन आवेदकों को अनुमति देने के लिए कहा गया है, जो हैंड सैनिटाइज़र बनाने का इरादा रखते हैं।
उपभोक्ता मामलों के सचिव पवन अग्रवाल ने बताया कि हमने अब तक 564 अन्य विनिर्माताओं के अलावा 45 डिस्टलरी को लाइसेंस दिया है। उन्होंने कहा कि एक या दो दिनों में 55 से अधिक डिस्टिलरी को अनुमति दी जा सकती है और कई और कंपनियों को हैंड सैनिटाइजर बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि दवा मूल्य नियंत्रण आदेश के तहत यह अनुमति दी गई है। सचिव ने आगे कहा, इन निर्माताओं को अपने उत्पादन को अधिक से अधिक करने के लिए तीन शिफ्टों में काम करने के लिए भी कहा गया है। एक महीने में जितना उत्पादन किया गया था उतना एक दिन में किया जाएगा। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक अलग बयान में कहा कि उपभोक्ताओं और अस्पतालों के लिए हैंड सेनिटाइजर की पर्याप्त आपूर्ति होगी।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि सामान्य लोगों और अस्पतालों को उचित मूल्य पर हैंड सेनिटाइज़र उपलब्ध हों, सरकार ने 200 मिलीलीटर की बोतल के लिए हैंड सेनेटर्स की अधिकतम खुदरा कीमत 100 रुपये तय की है।
केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठा रही हैं। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए, सार्वजनिक, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और अस्पतालों में हैंड सेनिटाइजर की आवश्यकता पड़ती है। इससे किसी भी समय तुरंत हाथों को वायरस मुक्त किया जा सकता है।
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