बिहार के सीतामढ़ी के रीगा चीनी मिल ने अपने 600 कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखला दिया है.
सीतामढ़ी के रीगा चीनी मिल ने बिना कोई सूचना दिए मिल के मुख्य द्वार पर नोटिस चिपका कर सभी 600 कर्मचारियों को 2 महीने के लिए काम से बाहर निकाल लिया है। नोटिस रविवार की देर शाम लगाया गया था। लॉकडाउन के दौरान लिए गए इस निर्णय से कामगारों में हड़कंप मच गया है। चीनी मिल ने 11 मई से 11 जुलाई तक सभी तरह की सेवाओं पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। इस दौरान चीनी मिल में काम कर रहे तकरीबन 600 कामगारों को 2 महीने के लिए काम से बाहर निकाल दिया गया है।
इस मामले में मिल प्रबंधन ने आदेश जारी कर बताया है कि नियम के अनुसार जो चीनी मिल 90 दिन पेराई नहीं करती है, उन चीनी मिलों के मजदूरों को इस तरह के पेऑफ कर 2 महीने के लिए काम बंद कर दिया जाता है। इसके बाद मिल के केवल प्रशासनिक विभाग, आपातकालीन सेवा समेत बिजली, पानी और सुरक्षा का काम करने वाले ही रह जात हैं। बाकी के मजदूर अपने-अपने घर पर रहेंगे। पुनः 11 जुलाई से सभी कामगारों को काम पर बुला लिया जाएगा। चीनी मिल में पहली बार हुई ऐसी घटना बता दें, इस तरह की घटना चीनी मिल में पहली बार हुई है। लॉकडाउन के दौरान लगाई गई पाबंदी के बाद चीनी मिल के कामगारों में हड़कंप मच गया है। मजदूरों के सामने विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। अब मजदूर जाएं तो कहां जाएं। एक ओर जहां कोरोना वायरस को लेकर जैसे तैसे मजदूर काम करने के लिए तैयार थे, जिसमें प्रबंधन के द्वारा काम से निकाल देना मजदूरों के लिए बहुत बड़ी संकट उत्पन्न कर दिया है। चालू सीजन में 90 दिन से कम चली है चीनी मिल इस संबंध में चीनी मिल के मुख्य सुरक्षा अधिकारी मुकेश धामा ने बताया कि चीनी मिल आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पिछले वर्ष 12 करोड़ रुपए बैंक से ऋण के रूप में लिया था, जिसका समाधान अभी तक नहीं हो सका है। चालू सीजन में 90 दिन से चीनी मिल कम चल पाया है, जिसको लेकर प्रबंधन के द्वारा इस तरह के कदम उठाए गए हैं। इसकी जानकारी कामगारों को सोमवार की सुबह लगी जब वे लोग ड्यूटी के लिए चीनी मिल पहुंचे तो मुख्य द्वार पर ताला लगा हुआ था। मुख्य गेट पर चार पन्नों का नोटिस चिपकाया गया था।
Source: navbharattimes
Commenti